पुस्तक- परीवाह:
रचयिता- बलराम शुक्ल
जन्म तिथि- 25 सितम्बर 1981
जन्म स्थान-सोहोरौनाराजा गांवज़ जनपद महाराजगंज, गोरखपुर
मोबाइल नम्बर-9818147903
मेल आईडी-icssrmmm@gmail.com
प्रकाशक- साहित्य अकादेमी, रवींद्र भवन, दिल्ली
पृष्ठ संख्या-142
अंकित मूल्य- 200
संस्करण-2016 प्रथम
बलराम शुक्ल युवा कवियों में महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं प्रस्तुत काव्य संकलन साहित्य अकादेमी की नवोदय योजना के अंर्तगत प्रकाशित हुआ है यह संग्रह 7 भागों में विभक्त है, जिनका संक्षिप्त परिचय इस तरह है-
1 प्रणामपद्धति:- इसमें 18 शीर्षकों में विभक्त कविताएं हैं शीर्षक से ही ज्ञात हो जाता है कि इस भाग में स्तुतिपरक रचनाएं हैं यथा-मद्गुरुः जगद्गुरुः, बदरीशो विजयते, श्रीशिवस्तुति:, वाणीस्तवनम् आदि
विबुधवन्दितपादसरोरुहाम्
अभयदां जडतादुरितापहाम् |
करसुशोभितशोभनवल्लकीं
सुवरदां प्रणतोs स्मि सरस्वतीम् || (पृष्ठ-31)
2 शृंगारागार:- इसमें 16 शीर्षकों में विभक्त कविताएं संकलित हैं यथा वसन्तविलाप:, विरहस्य रहस्यम्, एहि, मन्मयी इत्यादि एहि शीर्षक में निबद्ध कविता अपने पदलालित्य के कारण सुंदर बन पड़ी है-
एहि शुभे! तव केशकुलं घनकृष्णनिशो वपुषा तुलये
त्वद्वदनेन्दुनभःशशिनोरथ गौरवलाघवमाकलये ।
त्वद् विषवर्धितलोचनलोलशरान् मयि पञ्चशरः कुरुते
जीवय मामधरामृतदानवशादवशं सुदृशां चरमे! ॥
3 विविधविषया:- इसमें 8 विविध विषयों पर कविताएं निबद्ध हैं इसमें त्रिचक्रिकाचालककाव्यम् कविता रिक्शा चालक के ऊपर लिखी गई है और इस संकलन की श्रेष्ठ कविता है -
त्रिचक्रिकाचालकसुन्दरस्मितं
दिनेs पि सेन्दूकृतसच्चतुष्पथम् |
अमासमे हर्म्येतलेs घदूषिते
शताट्टहासान् धनिनामदोs र्हति ||
इसी भाग में कवि ने अपनी पुत्री आर्या पर भी वात्सल्य से पूर्ण एक कविता लिखी है- आर्यास्माकं प्रेयः पुत्री
4 पण्डितप्रशंसा-इस भाग में दीप्ति त्रिपाठी, रामकरण शर्मा, राधावल्लभ त्रिपाठी, रामानुज देवनाथन, रमाकांत शुक्ल आदि की प्रशस्ति में लिखी गई कविताएं संकलित हैं
5 समस्यापूर्तयः- इसमें 9 समस्या पूर्तियाँ संकलित हैं
6 मुक्तकच्छाया- इसमें 19 मुक्तक श्लोक हैं जो मृगया, दोहदवती, दीपिका आदि विषयों पर हैं
7 सुश्लोकसंग्रह:- इसमें 5 शीर्षकों में विभक्त कविताएं संकलित हैं यथा नमस्कृति:, अधिकाव्यम्, प्रकृति:
बलराम शुक्ल
रचयिता- बलराम शुक्ल
जन्म तिथि- 25 सितम्बर 1981
जन्म स्थान-सोहोरौनाराजा गांवज़ जनपद महाराजगंज, गोरखपुर
मोबाइल नम्बर-9818147903
मेल आईडी-icssrmmm@gmail.com
प्रकाशक- साहित्य अकादेमी, रवींद्र भवन, दिल्ली
पृष्ठ संख्या-142
अंकित मूल्य- 200
संस्करण-2016 प्रथम
बलराम शुक्ल युवा कवियों में महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं प्रस्तुत काव्य संकलन साहित्य अकादेमी की नवोदय योजना के अंर्तगत प्रकाशित हुआ है यह संग्रह 7 भागों में विभक्त है, जिनका संक्षिप्त परिचय इस तरह है-
1 प्रणामपद्धति:- इसमें 18 शीर्षकों में विभक्त कविताएं हैं शीर्षक से ही ज्ञात हो जाता है कि इस भाग में स्तुतिपरक रचनाएं हैं यथा-मद्गुरुः जगद्गुरुः, बदरीशो विजयते, श्रीशिवस्तुति:, वाणीस्तवनम् आदि
विबुधवन्दितपादसरोरुहाम्
अभयदां जडतादुरितापहाम् |
करसुशोभितशोभनवल्लकीं
सुवरदां प्रणतोs स्मि सरस्वतीम् || (पृष्ठ-31)
2 शृंगारागार:- इसमें 16 शीर्षकों में विभक्त कविताएं संकलित हैं यथा वसन्तविलाप:, विरहस्य रहस्यम्, एहि, मन्मयी इत्यादि एहि शीर्षक में निबद्ध कविता अपने पदलालित्य के कारण सुंदर बन पड़ी है-
एहि शुभे! तव केशकुलं घनकृष्णनिशो वपुषा तुलये
त्वद्वदनेन्दुनभःशशिनोरथ गौरवलाघवमाकलये ।
त्वद् विषवर्धितलोचनलोलशरान् मयि पञ्चशरः कुरुते
जीवय मामधरामृतदानवशादवशं सुदृशां चरमे! ॥
3 विविधविषया:- इसमें 8 विविध विषयों पर कविताएं निबद्ध हैं इसमें त्रिचक्रिकाचालककाव्यम् कविता रिक्शा चालक के ऊपर लिखी गई है और इस संकलन की श्रेष्ठ कविता है -
त्रिचक्रिकाचालकसुन्दरस्मितं
दिनेs पि सेन्दूकृतसच्चतुष्पथम् |
अमासमे हर्म्येतलेs घदूषिते
शताट्टहासान् धनिनामदोs र्हति ||
इसी भाग में कवि ने अपनी पुत्री आर्या पर भी वात्सल्य से पूर्ण एक कविता लिखी है- आर्यास्माकं प्रेयः पुत्री
4 पण्डितप्रशंसा-इस भाग में दीप्ति त्रिपाठी, रामकरण शर्मा, राधावल्लभ त्रिपाठी, रामानुज देवनाथन, रमाकांत शुक्ल आदि की प्रशस्ति में लिखी गई कविताएं संकलित हैं
5 समस्यापूर्तयः- इसमें 9 समस्या पूर्तियाँ संकलित हैं
6 मुक्तकच्छाया- इसमें 19 मुक्तक श्लोक हैं जो मृगया, दोहदवती, दीपिका आदि विषयों पर हैं
7 सुश्लोकसंग्रह:- इसमें 5 शीर्षकों में विभक्त कविताएं संकलित हैं यथा नमस्कृति:, अधिकाव्यम्, प्रकृति:
बलराम शुक्ल
डॉ. कौशल तिवारी जी का यह उपक्रम अभिनन्दनीय है।
ReplyDeleteअत्यन्त आभार
Deleteकौशल जी का उत्कृष्ट प्रयास ।
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